Tuesday, September 11, 2018

अंग्रेेजी शिक्षिका


मेरी अंग्रेजी मेरे खिलाफ जा रही है
मुझे जो हिन्दी याद नहीं
वो अब याद आ रही है
मैं अंग्रेजी की लिखावट में
नहीं लिख सकती अपना गांव
यादों में तरोताजा सहेलियों की चुहल
शादी से पहले अलग बुलाकर कही 
भाभी की वो गुदगुदा देने वाली बात

हिन्दी वैसी है
जैसे मैं बांधती हूं अपने केश
एक ही हेयर बैंड को दोहरा-तिहरा कर
मेरी साड़ी भी मेरी हिन्दी की तरह है
साड़ी कोई हो मुझे सिंदूरी लगती है
जब भी देखा छूकर पहनकर

मैंने अंग्रेजी शौक से पढ़ी है
अच्छे अंक आए हैं इसमें
हिन्दी में बिंदी गलत नहीं लगनी चाहिए
स्कूल में यह सीख नाकाम रही
आज अपनी बेटी को दुलारते हुए
स्कूल की पोशाक पहनाते हुए
खूब आई याद
झूलते हलंत और बिंदी की बात

हिन्दी मुझे अपने छोटे से शहर के जंगल में
निर्भीक साइकल पर घूमने की हिम्मत देती है
जहां जानवर भी करते हैं हिन्दी में बात
जहां नो एंट्री जैसा कोई डरावना साइनबोर्ड नहीं
न ही किसी हाथ में एसिड की बोतल है

मैं अंग्रेजी की शिक्षिका हूं
साफ-सुथरी अंग्रेजी पर पूरे अंक देती हूं बच्चों को
पर मेरा स्त्री मन
मेरी सोच मेरा रहन
सब हिन्दी वर्णमाला है
इससे कीमती मेरे पास बहुत कुछ है
पर इससे जरूरी कुछ भी नहीं
क्योंकि अंग्रेजी में मुझे संझा-बाती नहीं आती
मैं नहीं गा सकती अंग्रेजी में आरती



11.09.18

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